- कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद सांसद प्रज्ञा को निष्कासित करने के लिए ज्ञापन देने जा रहे थे भाजपा कार्यालय
- भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा- भाजपा कार्यालय की तरफ देखने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे
भोपाल. संसद में गोडसे को लेकर कथित बयान पर सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भले ही दो बार माफी मांग ली हो और मामला शांत हो गया, लेकिन मप्र में इसे लेकर सियासत अब भी जारी है। बुधवार को कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। वह साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा कार्यालय का घेराव करने और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को ज्ञापन देने जा रहे थे। आरिफ ने कहा कि हम गांधी की विचारधारा को मानने वाले हैं, इसलिए उनके हत्यारे को देशभक्त कहने वाली प्रज्ञा ठाकुर को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इसलिए हम मांग करते हैं कि भाजपा उन्हें पार्टी से निष्कासित करे।
इधर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आंदोलन को देखते हुए भाजपा कार्यालय में विधायक रामेश्वर शर्मा पार्टी कार्यकर्ता और महिला मोर्चा की कार्यकर्ता महिलाएं दफ्तर के बाहर लाठी-डंडों के साथ डट गए। दोनों तरफ से तनाव को देखते हुए पुलिस भी अलर्ट हो गई और उन्होंने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मनाने की कोशिश की। इसके बाद आरिफ मान गए और लौट गए। वहीं, भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा- "सिमी आतंकवादी और उनके समर्थक अगर भाजपा कार्यालय पर गलत निगाह रख रहे हैं तो वह खबरदार हो जाएं। भाजपा कार्यकर्ता राष्ट्रवाद के लिए जीता और मरता है। हमारे कार्यालय की तरफ आंख उठाकर देखा तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
रामेश्वर ने कहा- हम 6 दिसंबर को कांग्रेस कार्यालय जाएंगे
रामेश्वर ने कहा- "लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन करने की सीमा होती हैं। विधायक बनने से गुंडा का टैग नहीं हटाया जा सकता। हम भी 6 दिसंबर को कांग्रेस कार्यालय जाएंगे। कोई मुर्दाबाद और जिंदाबाद के नारे नहीं लगाएंगे। जयश्री राम के नारे लगाएंगे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिठाई खिलाकर आएंगे।"